शुक्रवार, 21 अगस्त 2020
बुधवार, 19 अगस्त 2020
मंगलवार, 18 अगस्त 2020
अजनबी
के अजनबी तो अजनबी ही होते है
जैसे किसी काग़ज़ पर कलम और शब्द होते है
रिश्ता नही कोई होता
कलम और शब्दों के दरमियाँ
ये तो एक मनरूपि कागज़ ही है
जिसने कलम और शब्दों को बाँध दिया
कागज़ जब साफ होता है
तो शब्दों के बिना भाव अकाल होता है
कलम क्या सृजन करता
अगर शब्दों का कोई अर्थ ही नही होता
सच कहूँ तो एक भाव ही अपने होते है
कलम और शब्द तो अजनबी ही होते है
गुरुवार, 13 अगस्त 2020
सोमवार, 27 जुलाई 2020
सुबह हो गई
अत्यंत प्रयास के पश्चात हार हो गई
कही मन के कोने में रात हो गई
मेरी नींद कहाँ खो गई
आशाओं के वन में प्रयासों की माला खो गई
जैसे सपनों की दुनियां हो गयी
इस दुनियां में भी
ज़िन्दगी की प्रतिस्पर्धा हो गई
ख़ैर चलिए - इसमे ही सही
विजय तो अपनी हो गई
जीवन क्षितीज पर सुबह हो गई
सुबह हो गई
सुबह हो गई
कही मन के कोने में रात हो गई
मेरी नींद कहाँ खो गई
आशाओं के वन में प्रयासों की माला खो गई
जैसे सपनों की दुनियां हो गयी
इस दुनियां में भी
ज़िन्दगी की प्रतिस्पर्धा हो गई
ख़ैर चलिए - इसमे ही सही
विजय तो अपनी हो गई
जीवन क्षितीज पर सुबह हो गई
सुबह हो गई
सुबह हो गई
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