गुरुवार, 7 अक्तूबर 2021

चेहरों की किताब (फ़ेसबुक)

 चेहरों की किताब है

जिसमे अनगिनत मुखोटें लगाए हैं

इसमें हज़ारों दोस्त बन जायेंगे

पर विचारों का निर्वाहन एक से न कर पायेंगे

दोस्त कोन बनेगा

यहां तो छलावा ही चलेगा

अजी दिखावे का संसार है

हमेसा दिखावा ही करेगा

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

मिथ्याभाषी

अकेले आते है
अकेले ही चले जाते है
फिर क्यों लोग रिश्ता बनाते है
कहते है
सृष्टि का संचालन करते  है
सब मिलके अपना योगदान देते है
मैं पूँछता हूँ
क्यों लोग लड़ते झगड़ते है ?
सृष्टि का संचालन ऐसे करते है ?
धर्म देखता है
कुछ लोग खुदको राजा समझते है
जो किसी के अस्तित्व का विनाश करते है
कहता है मन वेदनाओं के सागर में डूब कर
चलो मरते है
कुछ मानव
खुदको गलतफहमी में खुदिको दर्शनार्थ समझते है
वे कहते अरे कायर लोग ही आत्महत्या करते है
रामा ऐसा तो वो लोग कहते है जो भाव से मरते है
सत्य है एवं अत्यधिक नागवार भी
यही लोग देश को अलग करते है