शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

प्रेम अभिधा

कहदो के आप आओगे रात को
उठा लोगे हमारी नींद को
अपनी पलको पे
जिसमे खिलते अनवरत पुष्प कमल के
दिन को, श्याम को, रात को , सुबह को
हमको आपको होता है जो
है अभिधा एक एहसास वो