शुक्रवार, 21 अगस्त 2020
बुधवार, 19 अगस्त 2020
मंगलवार, 18 अगस्त 2020
अजनबी
के अजनबी तो अजनबी ही होते है
जैसे किसी काग़ज़ पर कलम और शब्द होते है
रिश्ता नही कोई होता
कलम और शब्दों के दरमियाँ
ये तो एक मनरूपि कागज़ ही है
जिसने कलम और शब्दों को बाँध दिया
कागज़ जब साफ होता है
तो शब्दों के बिना भाव अकाल होता है
कलम क्या सृजन करता
अगर शब्दों का कोई अर्थ ही नही होता
सच कहूँ तो एक भाव ही अपने होते है
कलम और शब्द तो अजनबी ही होते है
गुरुवार, 13 अगस्त 2020
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