चेहरों की किताब है
जिसमे अनगिनत मुखोटें लगाए हैं
इसमें हज़ारों दोस्त बन जायेंगे
पर विचारों का निर्वाहन एक से न कर पायेंगे
दोस्त कोन बनेगा
यहां तो छलावा ही चलेगा
अजी दिखावे का संसार है
हमेसा दिखावा ही करेगा
बिल्कुल सही वास्तविक रचना 👏👏
आपका हृदय से अत्यधिक आभार आपकी सहमति मुझे प्रेरित करेंगी सामाजिक यथार्थ को अपने काव्य में चित्रित करने को।
बिल्कुल सही 👌👍👍
सहमति के लिए हृदय से आभार आपका 🙏🙏🙏🙏
बिल्कुल सही वास्तविक रचना 👏👏
जवाब देंहटाएंआपका हृदय से अत्यधिक आभार आपकी सहमति मुझे प्रेरित करेंगी सामाजिक यथार्थ को अपने काव्य में चित्रित करने को।
हटाएंबिल्कुल सही 👌👍👍
जवाब देंहटाएंसहमति के लिए हृदय से आभार आपका 🙏🙏🙏🙏
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